दूल्हा उज्जैनी वाला पहने है मुंड की माला लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दूल्हा उज्जैनी वाला
पहने है मुंड की माला।
दोहा शिव समान दाता नहीं
ना विपत निवारण हार
लज्जा मोरी राखियो
शिव नंदी के असवार।


दूल्हा उज्जैनी वाला
पहने है मुंड की माला
सज के चले है महाकाल
लेओ रे नजर उतार।।
तर्ज कजरा मोहब्बत वाला।









हल्दी के साथ में भोले
भस्मी रमाए है
सेहरे के साथ में भोले
जटा बढ़ाए है
गले में नाग की माला
पहने है ये मृगछाला
नंदी पे होके सवार
लेओ रे नजर उतार।।


शेर और सियार चलते
और भैरव अगवाड़ी है
चामुंडा मैया चलती
कालका महारानी है
भूतों की टोली चलती
प्रेतों की टोली चलती
चलते है बाबा महाकाल
लेओ रे नजर उतार।।


उज्जैनी नगरी सारी
मस्ती में झूम रही है
क्षिप्रा के पावन तट पर
दुनिया ये घूम रही है
पीकर के भर भर प्याले
नाचे होकर मतवाले
भक्तों के संग में महाकाल
लेओ रे नजर उतार।।


दुल्हा उज्जैनी वाला
पहने है मुंड की माला
सज के चले है महाकाल
लेओ रे नजर उतार।।












dulha ujjaini wala pahne hai mund ki mala lyrics