दूल्हा बने त्रिपुरारी जू शिव भोला भंडारी जू लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दूल्हा बने त्रिपुरारी जू
शिव भोला भंडारी जू
आज सुनो शिव जी के द्वारे
भीड़ मची है भारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


भूत प्रेत सब जुर मिल आये
ढंग बड़े बेढंगा जू
लूला लंगड़ा काना कुबड़ा
कोऊ कोऊ नंग धडंगा जू
कौनऊ दुबरौ कौनऊ पतरौ
कौनऊ कौनऊ भारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


राख ओल बाघंबर पहने
बहे जटा सें गंगा जू
कंकन हाथ बांध बिछुअन के
लिपटो गरे भुजंगा जू
हाथी घोड़ा जूजो नैयां
डूंड़ा करी सवारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


देख दशा भोले की बोले
देवों सें जगदीश्वर जू
अपनी टोली अलग बना लो
अलग चलें नंदीश्वर जू
संग निगें तौ पर पुर जाकैं
कटहै नाक हमारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।









सुन सुन बातें कमलापति की
भोले मन मुस्कावें जू
ऐसौ भलौ स्वभाव हरि के
व्यंग वचन न जावैं जू
भले दूर सें निगौ छवि न
मन सें हटै तुम्हारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


बाजन लागे ढोल ढमाढम
बजन लगो रमतूला जू
देख देख सब हंसी उड़ावें
भलौ बने है दूल्हा जू
नाचन लागे भूत प्रेत
भई चलवे की तैयारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


उतै हिमाचल जू नै अपनो
ऐसो नगर संवारौ जू
आज लगै ऐसै जैसै
धरती पै स्वर्ग उतारो जू
गली गली और नगर नगर की
देखो शोभा न्यारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


पहुचन लगी बारात नगर में
देखन खौं सब आये
पैल देख देवों की टोली
सब मन में हर्षाये जू
जब देखी दूल्हा कि सूरत
भगदड़ मच गई भारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


घर घर में सब खबर सुना रये
ऐसी लड़का बाले जू
बड़ो भयंकर दूल्हा देखो
संग भूत मतवारे जू
देखत जिंदा बचो समझलो
ऊकी किस्मत भारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


मैना रानी बड़ी दुखी भई
जियत उमा न ब्याहों जू
लै बिटिया खों गिरौ कुंआ या
खाय जहर मर जाहों जू
तब आये नारद जी
आकैं सबरी बात संवारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


भओ शिव के संग ब्याव उमा कौ
घर घर बजे बधाये जू
मंगल गान अप्सरा गावें
देव फू्ल बरसावै जू
विदा भई शिव संग उमा की
खुशी भये नर नारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।


दूल्हा बने त्रिपुरारी जू
शिव भोला भंडारी जू
आज सुनो शिव जी के द्वारे
भीड़ मची है भारी जू
दूल्हा बने त्रिपुरारि जू
शिव भोला भंडारी जू।।
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रचनाकार एवं गायक मनोज कुमार खरे।










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