दुःख से मत घबराना पंछी ये जग दुःख का मेला है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दुःख से मत घबराना पंछी
ये जग दुःख का मेला है
चाहे भीड़ बहुत अम्बर पर
उड़ना तुझे अकेला है।।


नन्हे कोमल पंख ये तेरे
और गगन की ये दूरी
बैठ गया तो होगी कैसे
मन की अभिलाषा पूरी
उसका नाम अमर है जग में
जिसने संकट झेला है
चाहे भीड़ बहुत अम्बर पर
उड़ना तुझे अकेला है।।


चतुर शिकारी ने रखा है
जाल बिछा के पगपग पर
फस मत जाना भूल से पगले
पछतायेगा जीवन भर
लोभ में दाने के मत पड़ना
बड़े समझ का खेला है
चाहे भीड़ बहुत अम्बर पर
उड़ना तुझे अकेला है।।


जब तक सूरज आसमान पर
चढ़ता चल तू चलता चल
घिर जाएगा अंधकार जब
बड़ा कठिन होगा पलपल
किसे पता की उड़ जाने की
आ जाती कब बेला है
चाहे भीड़ बहुत अम्बर पर
उड़ना तुझे अकेला है।।









दुःख से मत घबराना पंछी
ये जग दुःख का मेला है
चाहे भीड़ बहुत अम्बर पर
उड़ना तुझे अकेला है।।
भजन प्रेषक
राम कृष्ण जी शर्मा।
8534972309










dukh mein mat ghabrana panchi lyrics in hindi