दोय दिना री बन्दा सायबी कांई तेग दिखावे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दोय दिना री बन्दा सायबी
दोहा नहीं हैं तेरा कोय
नहीं तू कोयका
अरे हां बाज़िन्द स्वार्थ रा संसार
बणा दिन दोय का।
एक रोहिड़ा रा फूल ज्यू
वनी में फूलिया
अरे हां बाज़िन्द झूठी माया देख
राम जी ने भूलिया।
डोडी पाग झुकाय
दिखावत आरसी
अरे हां बाज़िन्द वे नर गया बिलाय
पढन्ता फ़ारसी।
अंतर तेल फुलेल निस दिन लगाय
दोय दोय दीपक सँजोय महल में पोढता
एक दिन पासो पड़ियो काल रो
तो गया गडिंखावता।
रहता रंग महलों रे में
झरोखे झांकता
चाले टेढ़ी चाल
चंहु के डाकता।
अरे बाज़िन्द वाने खा गयो काल
गया गडिन्दा खावता।


दोय दिना री बन्दा सायबी
कांई तेग दिखावे
गर्भ करे मन मानखा
साथे नहीं जावे
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।


महल खजाना छोड़ के
तू होया हैं रवाना
क्या जाणू किस देश मे
पा किया हैं पियाणा
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।









गलियारों में डोलिया
फूला सेज बिछाता
पोढ़ण वाला पोढता
दीसे नहीं जाता
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।


मूछिया टेढ़ी राखता
कांई आँख दिखावे
जोर जवानी में डोलता
वे नर मरता ही जावे
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।


देख देख गति जीव री
मोहे हँसी आवे
माध केवे माने नहीं
वृथा जन्म गमावे
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।


दोय दिनां री बन्दा सायबी
कांई तेग दिखावे
गर्भ करे मन मानखा
साथे नहीं जावे
दोय दिनां री बन्दा सायबी।।
स्वर टीमा बाई जी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर। 9785126052










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