डोरड़ी ने लेर काई हाको रे देवासी बीरा देसी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










डोरड़ी ने लेर काई हाको
रे देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।


सुरता साड टोणर माई
पारन पायो आको
मनड़ रो मयो साड र लार
जूडो भर मसताको
रे देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।


इण साड न जुगत सू पकड़ो
नाक बिदाओ हाको हो
राम नाम री नकेल घलाओ
केणो मान सी थाको
देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।


छमा सेवटी साड पर माडो
गम रा गीदीया नाखो
परेम पिलाण साड पर माडो
तग खीचालो काटो
देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।









पग दे पागड़े चीत रे चडजा
मुगती रे मारग हाको
पाच कोस से बीर आग लग जा
फिर डर काको
देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।


जनम जनम रा ओठी तु डीकता
पतो कोनी मात पीता को
कहत कबीर सुनो भाई साधु
अबका मोसर पाको
देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।


डोरड़ी ने लेर काई हाको
रे देवासी बीरा
डोरड़ी ने लेर काईं हाको।।
प्रेषक सुभाष सारस्वत काकड़ा।
मोबाइल 9024909170










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