दिव्य दर्शन है बाबा का दिव्य ये दरबार है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
दिव्य दर्शन है बाबा का
दिव्य ये दरबार है
दिव्य श्याम की मूर्ति
और दिव्य ये श्रृंगार है
दिव्य हैं ये प्रेमी सारे
बैठे हैं दरबार में
दिव्य श्याम का नूर है जो
फैला है संसार में।।
आपकी कृपा से बाबा
हो रहे सब काम है
आपकी कृपा से बाबा
जग में मेरा नाम है
आपकी कृपा से बाबा
ले रहे हम श्वास हैं
आपकी कृपा ही बाबा
जगत में विख्यात है
धाम ऊँचा नाम ऊँचा
सच्चा ये दरबार है
आपका गुणगान बाबा
कर रहा संसार है।।
भक्त तेरे दर पे आये
हाथ अपने पसार कर
एक आशा सबकी है
बाबा तू हमसे प्यार कर
हम तो तेरे दास हैं
हम सबको तेरी आस है
तेरे ही तो दर्श की
भक्तों को तेरे प्यास है
दिव्यता का भान बाबा
हमको तेरा हो गया
अब तो बेडा पार सचिन
हम जो सबका हो गया।।
दिव्य दर्शन है बाबा का
दिव्य ये दरबार है
दिव्य श्याम की मूर्ति
और दिव्य ये श्रृंगार है
दिव्य हैं ये प्रेमी सारे
बैठे हैं दरबार में
दिव्य श्याम का नूर है जो
फैला है संसार में।।
divya darshan hai baba ka divya ye darbar hai lyrics