दिन उगता ही लेवे जो कोई विश्वकर्मा जी को नाम - MadhurBhajans मधुर भजन










दिन उगता ही लेवे जो कोई
विश्वकर्मा जी को नाम।
दोहा विश्वकर्मा भगवान को
चरण नमाऊं शीश
मैं बालक अज्ञान हु
बाबा ज्ञान करो बख्शीश।
सकल श्रष्टि निर्माता प्रभु
श्री विश्वकर्मा भगवान
हाथ जोड़ विनती करुँ
प्रभु पुरण कर दो काज।


दिन उगता ही लेवे जो कोई
विश्वकर्मा जी को नाम
हाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।


नल नील दो पुत्र कहाये
ऋषी अंगिरा ध्यान लगाए
सकल श्रष्टि निर्माता प्रभु जी का
अमर हुवा नाम
हाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।









सुदामा के महल बणायो
गढ़ सोने की लंका बनाई
साँचा मन से जो भी ध्यावें
पुरण कर दे कामहाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।


इंद्रपूरी यमपुरी बनाई
पाण्डव पूरी द्वारिका को बसाये
विशिष्ट विज्ञानी कहाये प्रभुजी
बनाया पुष्पक विमानहाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।


सकल श्रष्टि निर्माता प्रभु जी
देवों के देवता हो प्रभु जी
महिमा साँचा मन से गाई
गाये मुकेश रजान
हाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।


दिन उगता ही लेवें जो कोई
विश्वकर्मा जी को नाम
हाथ लकीरा मांडे
प्रभु विश्वकर्मा भगवान।।
गायक एवं प्रेषक
मुकेश विश्वकर्मा
9098013739










din ugta hi leve jo koi vishwakarma ji ko naam lyrics