दिन हो वो ग्यारस का सांवरे हूँ मैं खाटू धाम लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
निकले साँसें मेरी जब
इतना तो तू करना श्याम
दिन हो वो ग्यारस का सांवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
तर्ज जब तक साँसे चलेगी।
जबसे देखा है तेरा ये दर
आता ना है मुझे कुछ नज़र
अब ना छोडूंगा तेरा ये द्वार
खाटू में काटूंगा साड़ी उमर
निकले साँसें मेरी जब
इतना तो तू करना श्याम
दिन हो वो ग्यारस का साँवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
खाटू की मिटटी की क्या बात है
कण कण में बाबा तेरा वास है
खूशबू तेरे इत्र की श्याम
आ गई अब तो मुझे रास है
स्वर्ग जैसा दर तेरा ये
अब तो ना छोडूंगा श्याम
दिन हो वो ग्यारस का साँवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
खाटू की बाबा गज़ब शान है
बिगड़ा हुआ बनता हर काम है
घूम ली सारी दुनिया प्रभु
तुझसे ना कोई दयावान है
मुझे जब भी पड़ी ज़रूरत
तू आया है मेरे श्याम
दिन हो वो ग्यारस का साँवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
दर का तेरे जो सहारा मिला
कश्ती को मेरी किनारा मिला
हारूंगा ना अब तो मैं मेरे श्याम
हारे का तू जो सहारा मिला
विनती जिंदल की इतनी
तुम कर लेना तो स्वीकार
दिन हो वो ग्यारस का साँवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
निकले साँसें मेरी जब
इतना तो तू करना श्याम
दिन हो वो ग्यारस का सांवरे
हूँ मैं खाटू धाम।।
din ho wo gyaras ka sanware lyrics