ढूंढता है कहाँ श्याम को तू क्या उसे तूने पाया नहीं है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ढूंढता है कहाँ श्याम को तू
क्या उसे तूने पाया नहीं है
है जगह कौन सी इस जमी पर
श्याम जिसमें समाया नहीं है।।
तर्ज वृन्दावन के ओ बांके बिहारी।
कोई कहता यशोदा है मैया
कोई कहता है हलधर का भैया
कौन सा ऐसा नाता है जग में
श्याम ने जो निभाया नहीं है
ढूंढता है कहां श्याम को तूं
क्या उसे तूने पाया नहीं है।।
कोई कहता है बृज का सांवरिया
कोई कहता है मथुरा नगरिया
कोई बतलाए हमको भला ये
किस जगह उसका साया नहीं है
ढूंढता है कहां श्याम को तूं
क्या उसे तूने पाया नहीं है।।
पूतना और बकासुर को मारा
कंस को भी कन्हैया ने तारा
पाप है कौन सा पापियों का
जिसको इसने मिटाया नहीं है
ढूंढता है कहां श्याम को तूं
क्या उसे तूने पाया नहीं है।।
कोई कहता है बंसी बजैया
कोई कहता है रास रचैया
गीत है कौन सा जिंदगी का
श्याम ने जो सुनाया नहीं है
ढूंढता है कहां श्याम को तूं
क्या उसे तूने पाया नहीं है।।
ढूंढता है कहाँ श्याम को तू
क्या उसे तूने पाया नहीं है
है जगह कौन सी इस जमी पर
श्याम जिसमें समाया नहीं है।।
रचनाकार और गायक मनोज कुमार खरे।
dhundhta hai kahan shyam ko tu lyrics