धोरा री धरती में मारा जांभोजी पधारिया - MadhurBhajans मधुर भजन
धोरा री धरती में मारा
जांभोजी पधारिया
हाथ में कमंडल काली माला
मारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
धोरा री धरती में गुरु जी
आसन लगायो
ज्योति जगाई हद भारी
मारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
पीपासर में गाया चराई
लोवटजी रो माने बढ़ायो
मारा गुरुजी
थाने मनावण मैं आया।।
रोडू नगरी आप पधारिया
उमा बाई रो भात भरायो
म्हारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
अंधीया ने गुरुजी अंखियां दीनी
कोडिया री कष्ट मीटायो
मारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
मदनलाल री सुणजो विनती
भवजल पार उतारो
मारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
धोरा री धरती में मारा
जांभोजी पधारिया
हाथ में कमंडल काली माला
मारा जांभोजी
थाने मनावण मैं आया।।
प्रेषक सुभाष सारस्वत मदनलाल पुस्करणा
9024909170
dhora ri dharti me mhara jambhoji padharya lyrics