धिन गुरु देवो वचन परवाणी प्रश्न उत्तर बाणी - MadhurBhajans मधुर भजन
धिन गुरु देवो वचन परवाणी
दोहा सतगुरु जी को वंदना
कोटि कोटि प्रणाम
कीट न जाणे भृङ्ग का
गुरु करले आप समान।
प्रश्न
धिन गुरु देवो वचन परवाणी
सर्वज्ञाता गहो तुम हाथा
संशय शोक मिटाणी
धिन गुरु देवों वचन परवाणी।।
जन्म जन्म लग फिरू भटकतो
लख चौरासी खाणी
भूल्यो जीव फिरे भाव माही
अध बिच रहयो भुलाणी
धिन गुरु देवों वचन परवाणी।।
मैं तो जाचक जाचण आयो
माँगण हार कहाणी
आदु भेद देवो गुरु मुझको
जहाँ सू मिटे सब हाणी
धिन गुरु देवों वचन परवाणी।।
ओ कुण जीव कहाँ सू आयो
कैसे बंधण बंधाणी
कैसे मुक्ति होवे गुरु इसकी
सो ही बात फरमाणी
धिन गुरु देवों वचन परवाणी।।
दो प्रश्न का उत्तर देवो
तुम गुरु सबकुछ जाणी
अचलुराम शरण में थारे
ओ कर निर्णय दरसाणी
धिन गुरु देवों वचन परवाणी।।
उत्तर
सुण शिष्य श्रवण वाणी
उत्तर देऊ यथार्थ तुमको
दृढ़ विश्वास कराणी।।
ओ जीव आदि अमर अविनाशी
अपणो स्वरूप भुलाणी
जैसे शेर भूल अपने को
बकरा मान भगाणी
सुण शिष्य श्रवण वाणी।।
ना कोई आवे अर ना कोई जावे
जहाँ का तहाँ ठहराणी
जैसे पुरूष नींद माही सुता
सपने माही बंधाणी
सुण शिष्य श्रवण वाणी।।
जाग्रत भया बंधन सब खूटा
स्वप्न भरम की हाणी
निज ज्ञान सू मुक्ति प्राप्त
अपना आप पहचाणी
सुण शिष्य श्रवण वाणी।।
सत चित आनंद चेतन आत्मा
निज प्रत्यक्ष सू परवाणी
संशय शोक मिटा सब मन का
गुरु गम ज्ञान लखाणी
सुण शिष्य श्रवण वाणी।।
गुरु सुखराम किया यह निर्णय
प्रश्न उत्तर गाणी
अचलुराम पाया ये मेहरम
नहीं आवे नहीं जाणी
सुण शिष्य श्रवण वाणी।।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
dhin guru devo vachan parvani lyrics