धीन धीन ओ कुलरी धनीयाणी गाजण माता भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










धीन धीन ओ कुलरी धनीयाणी
दोहा धर्मधारी रे मायने
बैठी गाजण माँ
ओजी भाकर फोड
भवानी पधारीया
अरे गाजण माँ मम माँ।
धीन धीन ओ कुलरी धनीयाणी
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी
ओ जुग माई ज्योति सवाई ओ माँ
गाँव धर्मधारी पाली गढ मे
गाँव धर्मधारी पाली गढ मे
ओ दर्शन दिना गाजण माई ओ माँ
अरे साचा तो मनसु जो कोई सुमिरे
साचा तो मनसु जो कोई सुमिरे
बेडो पार लगाई ओ माँ
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी।।


भाकर फोड गाजण माताजी पधारीया
ओ भाकर फोड गाजण माताजी पधारीया
ओ गाजण माँ कहलाई ओ माँ
ओ साचा मनसु जो कोई सुमिरे
ओ साचा तो मनसु जो कोई सुमिरे
बेडो पार लगाई ओ माँ
आषाढ सुदी नवमी रे दिन आया
आषाढ सुदी नवमी रे दिन आया
गाजण माता दरस दिखाई ओ माँ
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी।।









ढोल नगाड़ा माताजी नोपता बजावे
ढोल ने नगाड़ा गाजणमाँ नोपता बजावे
ओ गाजण माँ री छाई ओ माँ
सांझ सवेरे मैया होवे थोरी आरती
सांझ सवेरे मैया होवे थोरी आरती
ओ मूरत मनडे भायी ओ माँ
ओ सोलह श्रंगार माँ आप पधारीया
सोलह सिनगार मारी माताजी पधारीया
भक्त थारे चुनडी लगाई ओ माँ
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी।।


गाजण माताजी भला ही पधारीया
अरे कुलरी धनीयाणी
गाजण माँ भला ही पधारीया
मंडोवर भेरूजी संग लायी ओ माँ
आचार्य गोमजी चरना मे आवे
माताजी ओर खेतलाजी ने जाय मनावे
ओ दर्शन देवो कुल माई ओ माँ
थारे भगतो री अरज विनती
थारे भगतो री अरज विनती
ओ महिमा तो हिलमिल गाई ओ माँ
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी।।


धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी
ओ जुग माई ज्योति सवाई ओ माँ
गाँव धर्मधारी पाली गढ मे
गाँव धर्मधारी पाली गढ मे
ओ दर्शन दिना गाजण माई ओ माँ
अरे साचा तो मनसु जो कोई सुमिरे
साचा तो मनसु जो कोई सुमिरे
बेडो पार लगाई ओ माँ
धीन धीन ओं कुलरी धनीयाणी।।
स्वर महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










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