धिन धिन धाम अमरपुरोजी लिखमोजी अलख जगाई - MadhurBhajans मधुर भजन
धिन धिन धाम अमरपुरोजी
दोहा धिन धोरां धिन नागाणा
धिन संता रो देश
धिन लिखमोजी धाम बनायो
अमरपुरो ऋषिकेश।
धिन धिन धाम अमरपुरोजी
लिखमोजी अलख जगाई रे संतो
गुरू शरण रे माई ए हा
सेजे सुमिरन माला फेरी
सेजे सुमिरन माला फेरी
हरि रा गुण गाई रे संतो
गुरू शरण रे माई ए हा।।
रामूजी माली सोलंकी रहता
रामूजी माली सोलंकी रहता
बडकी चेनार माई गाया
राख बाड लगाई ए हा
सिद्ध संत नागाणा आवता
सिद्ध संत नागाणा आवता
भाव रोज कराई रामूजी
सतसंग करता सवाई ए हा।।
१८०७ आषाढ सुद पूनम
१८०७ आषाढ़ सुद पूनम
रामूजी रे घर माई रे वटे
हरख हरख बधाई ए हा
ब्रम्ह मुहर्त मे बाल जन्मीयो
ब्रम्ह मुहर्त मे बाल जन्मीयो
लिखमोजी नाम धराई खेती
करता वे मन चाही ए हा।।
अरे बछडा ने बेल गाया चराता
बछडा ने बेल गाया चराता
गाँव पूरो मे आयी रे संग मे
हिन्दू मुस्लिम भाई ए हा
खिमजी ने वे गुरू बनाया
खिमजी ने वे गुरू बनाया
ग्रहस्ती साधु बन जाई कोई
भेद भाव ने मिटाई ए हा।।
अरे पानत छोड़ जागन मे जावता
पानत छोड़ जागन मे जावता
हरि करता सिंचाई
लिखमोजी रो रूप बनाई ए हा
गाँव पूरो ने अमरपुरो बनायो
गाँव पूरो ने अमरपुरो बनायो
दर्श हरि रा पाई रे परचा
चार वर्ण ने दिरायी ए हा।।
१८८७ आसोज बद छठ
१८८७ आसोज बद छठ
निवन पंथ बताई रे पूजा
गेनदास ने बताई ए हा
माली छंवर कहे सतगुरु सामरथ
माली छंवर कहे सतगुरु सामरथ
परदे परचा दिराई धाम
अमरपूरा मे जाई ए हा।।
धिन धिन धाम अमरपुराजी
लिखमोजी अलख जगाई रे संतो
गुरू शरण रे माई ए हा
सेजे सुमिरन माला फेरी
सेजे सुमिरन माला फेरी
हरि रा गुण गाई रे संतो
गुरू शरण रे माई ए हा।।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818
dhin dhin dham amarpuroji likhmoji alakh jagai lyrics