धन्य कबीर कुछ जलवा दिखाना हो तो ऐसा हो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










धन्य कबीर कुछ जलवा
दिखाना हो तो ऐसा हो
बिना माँ बाप के दुनिया में
आना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।


उतर कर आसमान से
नूर का गोला कमलदल पर
वो आके बन गया बालक
बहाना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।


छुड़ा कर ढोंग दुनिया के
वो सत्य उपदेश देते थे
सारे मैदान पर डंका
बजाना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।


बहस करने को पंडित मौलवी
सब पास में आए
भए सरमिन्दे आपी खुद
हराना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।









सुनाके ज्ञान निरवानी
किया दोउ दीन को चेला
गर संसार में सद्गुरू
कहाना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।


छोड़ के फूल और तुलसी
चले सादेह निज घर को
परम अवतार इस जग से
रवाना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।


धन्य कबीर कुछ जलवा
दिखाना हो तो ऐसा हो
बिना माँ बाप के दुनिया में
आना हो तो ऐसा हो
धन्य कबीर कुछ जलवां
दिखाना हो तो ऐसा हो।।
प्रेषक नंदलाल
9977128072

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dhanya kabir kuch jalwa dikhana ho to aisa ho lyrics