धन जोबन और काया नगर की कोई मत करो रे मरोर लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










धन जोबन और काया नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।


क्यूँ चले से आंगा पांगा
चिता बिच तने धर देंगे नंगा
एक अग्नि का लेके पतंगा
तेरे फिर जाएंगे चारो ओर
धन जोबन और काया नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।


सिराणे खड़ी तेरी माई रोवे
भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे
पायाँ खड़ी रे तेरी ब्याहि रे रोवे
जिसने ल्याया बाँध के मोल
धन जोबन और काया रे नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।


पांच साथ तेरे चलेंगे साथ में
गोसा पुला लेके हाथ में
इक पिंजरी का ले बांस हाथ में
तेरे देंगे सर में फोड़
धन जोबन और काया रे नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।









शंकर दास ब्राम्हण गावे
सब गुणियों को शीश झुकावे
अपणा गाम जो खोली बतावे
वो तो गया रे मुलाजा तोड़
धन जोबन और काया रे नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।


धन जोबन और काया नगर की
कोई मत करो रे मरोर।।










dhan joban aur kaya nagar ki lyrics in hindi