सुमिरन में सुख भारी देखा है हमने भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सुमिरन में सुख भारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
ए राजा गोपीचंद भरतरी भजीया
गोपीचंद भरतरी भजीया
छोड़ चलीया है घरबारी भई ओ
छोड़ चलीया घरबारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
ध्रुव ध्यान मे लग्यो सुमिरन मे
लियो प्रहलाद विचारी
ध्रुव ध्यान में लग्यो सुमिरन मे
लियो प्रहलाद विचारी
कष्ट सयो सुमिरन नही छोड्यो
कष्ट सयो सुमिरन नही छोड्यो
किनी है मोक्ष ललकारी भई
किनी है मोक्ष ललकारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
राजा हरिश्चन्द्र रानी तारादे
नीच घरे पनिहारी
राजा हरिश्चन्द्र रानी तारादे
नीच घरे पनिहारी
स्वासो स्वास लाग्यो सुमिरन मे
स्वासो स्वास लाग्यो सुमिरन मे
शब्द ने ओट विचारी भई
शब्द ने ओट विचारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
सुमिरन मौज लगी जिन अंदर
दिन दिन करे अवतारी
सुमिरन मौज लगी जिन अंदर
दिन दिन करे अवतारी
सुमिरन राम जपो अचंभा
सुमिरन राम जपो अचंभा
उन घर की बलिहारी भई ओ
उन घर की बलिहारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
सुमिरन में सुख भारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी
देखा है हमने
सुमिरन मे सुख भारी।।
गायक श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818
dekha hai humne sumiran me sukh bhari lyrics