दया इतनी करना पवन के दुलारे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
दया इतनी करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे
नजर में बसी हो
तुम्हारी ही मूरत
सदा गुण मैं गाऊं
कपिवर तुम्हारे
दया इतनीं करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे।।
मेरे मन में दीपक
तुम्हारा जलेगा
मिटेंगे मेरे मन के
सभी अंधियारे
सहारा जो तेरा
मिलेगा पवनसुत
तो जीवन की नैया
लगेगी किनारे
सुना है ये हमने
ज़माने से कपिवर
सभी काम बनते है
तुम्हारे ही द्वारे
दया इतनीं करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे।।
करूँ कैसे पूजा
तुम्हारी मैं हनुमत
विधि वंदना की
प्रभु हम ना जाने
झुका लेते है सर
भाव से अपना
तुम्हारे दरश के
प्रभु हम दीवाने
सुनोगे अरज जो
हमारी ना हनुमत
कहाँ जाएँगे हम
मुसीबत के मारे
दया इतनीं करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे।।
है वेदों की भाषा
तुम्हारे लिए ही
जाए ना खाली
वरदान तेरा
तुम्हारे सहारे
भक्त जनो की
कटी दुःख की रातें
हुआ है सवेरा
तुम्हारे ही कारण
पवन प्राण प्यारे
हुए पुरे सपने है
जग में हमारे
दया इतनीं करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे।।
दया इतनी करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे
नजर में बसी हो
तुम्हारी ही मूरत
सदा गुण मैं गाऊं
कपिवर तुम्हारे
दया इतनीं करना
पवन के दुलारे
झुकें शीश मेरा
चरण में तुम्हारे।।
daya itni karna pawan ke dulare lyrics