डसी गयो काळो रे कुंवर थाने बाग़ में भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
डसी गयो काळो रे
कुंवर थाने बाग़ में
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
तर्ज छूप गया कोई रे दूर से पुकार के।
फूल तोडन गयो
कुँवर म्हारो बाग़ में
फुलड़ा तोडन लाग्यो
डस्यो कालों नाग रे
विपदा पड़ी है म्हाने
विपदा पड़ी है म्हाने
देखि थारी लाश मैं
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
माता या थारी रोवे
पलके तो खोलो
कबसे रो रही माता
मुख से तो बोलो
एक बार कह दो लाला
एक बार कह दो लाला
माँ माँ पुकार के
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
लाश को लेकर रानी
आयी शमशान रे
अपने हाथो से लाला की
चिता जो बनाई रे
नैनो से नीर बरसे
नैनो से नीर बरसे
रोये रानी त्रास रे
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
राजा हरिश्चंद्र
तारावती रानी रे
बिछड़े हुए है अब
मिले तीनों प्राणी रे
ऐसा लिखा था स्वामी
ऐसा लिखा था स्वामी
अपने ही भाग में
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
डसी गयो काळो रे
कुंवर थाने बाग़ में
छाती भर आयी लाला
देखि थारी लाश मैं।।
dasi gayo kalo re kunvar thane baag me lyrics