दरबार में सच्चे सतगुरु के दुःख दर्द मिटाये जाते है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दरबार में सच्चे सतगुरु के
दुःख दर्द मिटाये जाते है
दुनियाँ के सताए लोग यहाँ
सीने से लगाए जाते हैं
दरबार में सच्चे सतगुरु के।।


ये महफिल है मस्तानों की
हर शख़्स यहाँ पर मतवाला
भर भर के जाम इबादत के
यहाँ सबको पिलाये जाते हैं
दरबार में सच्चे सतगुरु के।।


इल्जाम लगाने वालों ने
इल्जाम लगाए लाख मगर
तेरी सौगात समझकर के
हम सर पर उठाये जाते हैं
दरबार में सच्चे सतगुरु के।।


जिन बन्दों पर ऐ जगवालों
हो खास इनायत सतगुरु की
उनको ही संदेसा आता है
और वे ही बुलाये जाते हैं
दरबार में सच्चे सतगुरु के।।









दरबार में सच्चे सतगुरु के
दुःख दर्द मिटाये जाते है
दुनियाँ के सताए लोग यहाँ
सीने से लगाए जाते हैं
दरबार में सच्चे सतगुरु के।।
स्वर तृप्ति शाक्या जी।










darbar me sache satguru ke dukh dard mitaye jate hain lyrics