दरबार में आकर बाबा के हम दर्द सुनाना भूल गए - MadhurBhajans मधुर भजन
दरबार में आकर बाबा के
हम दर्द सुनाना भूल गए
देखे जो हजारो दीन दुखी
हम अपना फ़साना भूल गए।।
तर्ज तेरे दर्द से दिल आबाद रहा।
आश्रो से भरो लाखो आँखे
बेचैन सी है कुछ पाने को
संसार समंदर के माझी
संसार समंदर के माझी
क्या नाव चलाना भूल गए
देखे जो हजारो दीन दुखी
हम अपना फ़साना भूल गए।।
जाने पहचाने मुद्दत के
प्रभु आशा ले के आये है
क्यूँ चाहने वालो को अपने
क्यूँ चाहने वालो को अपने
सीने से लगाना भूल गए
देखे जो हजारो दीन दुखी
हम अपना फ़साना भूल गए।।
श्री श्याम बहादुर भक्त बड़े
दरबार के प्रेम पुजारी थे
दाता से बड़ा शिव का नाता
क्या नैन मिलाना भूल गए
देखे जो हजारो दीन दुखी
हम अपना फ़साना भूल गए।।
दरबार में आकर बाबा के
हम दर्द सुनाना भूल गए
देखे जो हजारो दीन दुखी
हम अपना फ़साना भूल गए।।
darbar me aake baba ke hum dard sunana bhul gaye lyrics