दरश को आ रही हूँ माँ मेरी अरदास सुन लेना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दरश को आ रही हूँ माँ
मेरी अरदास सुन लेना।
दोहा सबको है मैया तूने
अपने गले लगाया है
दुखियों के कष्ट निवारे।
बिगड़ी को बनाया है।
हो गई क्या भूल मुझको
क्यों बिसराया है
चौखट पर आकर के मां मैंने
दामन फैलाया है।


दरश को आ रही हूँ माँ
मेरी अरदास सुन लेना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।


नंगे पांव तेरी चढ़ी चढ़ाई
पड़ रहे पांव में छाले
ऊंचे पहाड़ों पर डेरा तेरा
भगत की लाज बचा ले
दर्द अब ना सहा जाए
चलाई आकर चढ़ा लेना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।









नौ रूपों में पूजा तुझको
लाल चुनरिया लाई
पान सुपारी ध्वजा नारियल
मां तेरी भेंट चड़ाई
मैं क्या मांगू तू सब जाने
मेरी बिगड़ी बना देना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।


भंडारे भरती है सबके
आवे जो नर नारी
तू ही अंबे तू जगदंबे
तू दुर्गा महारानी
बना दे मेरी भी किस्मत
सितारे जगमगा देना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।


दुष्टों का संहार करे तू
करती सिंह सवारी
चरणों में मुझे अपने लगाले
सेवा करूं तिहारी
अंधेरे गम के हर ले तू
उजाले खुशियों के कर देना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।


जीवन भर तेरा गाऊं में यश
ऐसी कृपा बनाना
ललित सुमित के जीवन को तू
सुंदर सहज बनाना
लगन तेरे चरणों की मां सदा
यूं ही लगा लेना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।


दरश को आ रही हूं माँ
मेरी अरदास सुन लेना
मैं खाली ला रही दामन
मेरे दामन को भर देना
जय जय अंबे माँ
जय जगदंबे माँ।।



9165641301










darash ko aa rahi hu maa meri ardas sun lena lyrics