दगा किसी का सगा नहीं है किया नहीं तो कर देखो लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दगा किसी का सगा नहीं है
किया नहीं तो कर देखो
जिसने जिसने दगा किया है
उसका जा के घर देखो
दगा किसी का सगा नही है
किया नहीं तो कर देखो।।
तर्ज भला किसी का कर ना सको।


दगा किया था रावण ने जब
साधू भेष बनाया था
भिक्षा लेने गया था लेकिन
सिता ही हर लाया था
लंका नगरी राख बनाई
पल भर में रघुवर देखो
जिसने जिसने दगा किया है
उसका जा के घर देखो
दगा किसी का सगा नही है
किया नहीं तो कर देखो।।


कौरव पांडव जुआ खेले
शकुनी पासे फेंक रहा
दुर्योधन की दगागिरी को
वो नटनागर देख रहा
बिना शत्रु के वंश मिटाई
लीला नटवर की देखो
जिसने जिसने दगा किया है
उसका जा के घर देखो
दगा किसी का सगा नही है
किया नहीं तो कर देखो।।









किसी को धोखा देकर प्यारे
एक बार खुश हो जाना
कर्म की अग्नि में जलके
जीवन भर तुम पछताना
सच्चा सुख पाने की खातिर
भला किसी का कर देखो


जिसने जिसने दगा किया है
उसका जा के घर देखो
दगा किसी का सगा नही है
किया नहीं तो कर देखो।।


दगा किसी का सगा नहीं है
किया नहीं तो कर देखो
जिसने जिसने दगा किया है
उसका जा के घर देखो
दगा किसी का सगा नही है
किया नहीं तो कर देखो।।












daga kisi ka saga nahi hai bhajan lyrics