दादी इतनो सो कर द्यो बेटी के सिर पे थे हाथ जरा धर द्यो - MadhurBhajans मधुर भजन










दादी इतनो सो कर द्यो
बेटी के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।
तर्ज बस इतनी तमन्ना है।


सेवा में ले लीजो
मन्ने ऐसो ही घर द्यो
मन्ने ऐसो ही घर द्यो
जिमे मंदिर हो थारो
ऐसो ही दर द्यो
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।


सासु होवे श्याणी
सुसरो होवे ज्ञानी
सुसरो होवे ज्ञानी
जो पग पूजे थारा
ऐसो ही वर द्यो
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।









थाने देख के मैं जागु
थाने देख के ही सोऊँ
थाने देख के ही सोऊँ
जठे ज्योत जगे थारी
ऐसो ही घर द्यो
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।


मनड़े की कह पाऊं
थासु बोलूँ बतलाऊं
थासु बोलूँ बतलाऊं
थारी स्वाति के मन की
हर्ष कवे कर द्यो
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।


दादी इतनो सो कर द्यो
बेटी के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो
लाढ़ो के सिर पे
थे हाथ जरा धर द्यो।।



8








dadi itno so kar dyo beti ke sir pe the hath jara dhar dyo lyrics