दादा खेडे तेरे नाम की खटक कसुती लागी स - MadhurBhajans मधुर भजन










दादा खेडे तेरे नाम की
खटक कसुती लागी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।


हलवा पुरी खीर बनाके
करया तेरा भडांरा हो
रविवार न भकता का तेरे
दर प पडरया लारा हो
जो सच्चे दिल त आया
उसकी सोई किस्मत जागी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।


शकंर का अवतार कहे तु
सारे गाम का रुखाला हो
बडी विता म पडया था दादा
तने आण सभांला हो
सुखा पडया था खेत मेरा तने
सामण कि झडी लादी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।


दादा खेडे अपने दास प
करिये एक उपकार हो
मेरे अगंना फूल खिलादे
सुणले मेरी पुकार हो
मनै सूनी तनै बहोत घण्या की
कुल की बेल चलादी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।









सोमपाल न कर कविताइ
छदं कसुता टोलिया
बिट्टू कालखा के भजना न
मन मेरा यो मोह लिया
गुरु सतंराम न साज बजाके
भवन म धूम मचादी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।


दादा खेडे तेरे नाम की
खटक कसुती लागी स
ज्योत जगादी तेरी
ज्योत जगादी स।।
गायक प्रेषक बिट्टू कालखा।
9991446855










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