दादा गुरुदेव की आरती श्री राजेंद्रसुरिवश्वरी जी - MadhurBhajans मधुर भजन
दादा गुरुदेव की आरती
ओम जय जय गुरुदेवा
दादा जी जय गुरुदेवा
आरती मंगल मेवा
आनंद सुख लेवा
ओम जय जय गुरुदेवा।।
एक व्रत दोय व्रत तीन चार व्रत
पंच व्रत सोहे
भविक जीव निस्तारण
सुर नर मन मोहे
ओम जय जय गुरुदेवा।।
दुःख दोहण सब हर कर
सद्गुरु राजन प्रतिबोधे
सूत लक्ष्मी वर देकर
श्रावक कुल सोधे
ओम जय जय गुरुदेवा।।
विद्या पुस्तक धर कर
सद्गुरु मुगल पूत तारे
वश कर जोगण चौसठ
पाँच पीर सारे
ओम जय जय गुरुदेवा।।
बीज परन्ति बारी सद्गुरु
समुन्द्र जहाज तारि
वीर किये वश बावन
प्रगटे अवतारी
ओम जय जय गुरुदेवा।।
जिनदत्त जिनचंद्र
कुशल सूरीश्वर
खरतर गच्छ राजा
चोरासी गच्छ पूजे
मनवाँछित ताजा
ओम जय जय गुरुदेवा।।
मन सुध आरती तारक
सद्गुरु की कीजे
जो मांगे सो पावे
जग में यश लीजे
ओम जय जय गुरुदेवा।।
विक्रमपुर में भक्त
तुम्हारो मन्त्र कलाधारी
नित उठ ध्यान लगावत
राम रिद्धि सारी
ओम जय जय गुरुदेवा।।
ओम जय जय गुरुदेवा
दादा जी जय गुरुदेवा
आरती मंगल मेवा
आनंद सुख लेवा
ओम जय जय गुरुदेवा।।
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