चुनरी उढ़ा के मैं भी मालामाल हो गया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेहंदी लगाई तुझको
और मैं लाल हो गया
चुनरी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।


जब से मेरी मैया से
पहचान हो गई
राहों की मुश्किलें सभी
आसान हो गई
जीवन का सारा ख़त्म ही
जंजाल हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।


मेहंदी लगाने के लिए
मैया ने बुलाया
जैसे ही मेरी और
अपना हाथ बढ़ाया
ऐसा नजारा देख मैं
निहाल हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।


सोचा भी नही था वो
माँ ने काम कर दिया
मुझ दीन पे इतना बड़ा
एहसान कर दिया
सपना था जो जीवन का
वो साकार हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।









चुनड़ी है कभी तो
कभी मेहंदी है बहाना
सोनू हमारा काम है
मैया को रिझाना
मैं देखते ही रह गया
कमाल हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।


मेहंदी लगाई तुझको
और मैं लाल हो गया
चुनरी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी
मालामाल हो गया।।
स्वर सौरभ मधुकर।










chunri uda ke tujhko malamal ho gaya lyrics