चुनर जो ओढ़ी है नही वो तोरी है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










चुनर जो ओढ़ी है
नही वो तोरी है
करियो न इसका गुरूर
नही ये साधन श्रगाँर का
चुनर जो ओढ़ी है।।
तर्ज हम तुम चौरी से।


अनमोल चुनरिया है ये
इसको ना मैली करना
दौबारा ये तुझको
मिल पाएगी न वर्ना
सँदेशा है यही है यही
गुरुवर के द्वार का।
चुनर जो ओढ़ी हैं
नही वो तोरी है
करियो न इसका गुरूर
नही ये साधन श्रगाँर का
चुनर जो ओढ़ी है।।









भोग के लख चौरासी
तू मानुष तन ये पाया
सतगुरु की कृपा से
फिर नाम दान है पाया
करले तू अब जतन अब जतन
अपने उद्धार का।
चुनर जो ओढ़ी हैं
नही वो तोरी है
करियो न इसका गुरूर
नही ये साधन श्रगाँर का
चुनर जो ओढ़ी है।।


है तू किस्मत वाला
सतगुरु ने किया भरोसा
दुनिया की बातो में ना
खा जाना तू धोखा
साधन है एक यही एक यही
तेरे उद्धार का।
चुनर जो ओढ़ी हैं
नही वो तोरी है
करियो न इसका गुरूर
नही ये साधन श्रगाँर का
चुनर जो ओढ़ी है।।


चुनर जो ओढ़ी है
नही वो तोरी है
करियो न इसका गुरूर
नही ये साधन श्रगाँर का
चुनर जो ओढ़ी है।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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chunar jo odhi hai nahi vo teri hai lyrics