छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी
तुझसे हारी मैं भीगी साड़ी
ना मारो मोहे भर पिचकारी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
तर्ज भटकता डोले काहे प्राणी।
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
तुझे ना सूझे दुनियादारी
काहे मैं गई रे तुझपे वारि
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी
ना छेड़ मुझे तू दूंगी गारी
ना जान सकी तू इतना अनाड़ी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी
तू पीछे आए बनके शिकारी
करुँगी शिकायत तेरी सारी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी
रंग डाली रे तन मन की क्यारी
बसी मन में तेरी सूरत प्यारी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
तुझसे हारी मैं भीगी साड़ी
ना मारो मोहे भर पिचकारी
छोड़ो कान्हा मै तुझसे हारी
छोड़ो कान्हा मैं तुझसे हारी।।
chhodo kanha main tujhse haari lyrics