चेतावनी कुंडलियां लिखित संत सूरदास जी - MadhurBhajans मधुर भजन










चेतावनी कुंडलियां संत सूरदास जी
चेतावनी कुंडलियां

बाबा हाबा मती करो
थोरे सिर पर आया धोल
दोय अवस्था बीत गी
अजहु भजन में मोळ।
अजहु भजन में मोल
पोळ में वासा होई
सुत भरी का परिवार
हुक्म माने नही कोई।।


के राघव सिमरण बिना
जम ले जासी ठौड़
बाबा हाबा मती करो
थोरे सिर पर आया धोल।
बाबा झाबा कूटसी
बिना भजन जम दूत।।


घर का थोने न्ही गिणे
झूठा बांधे सूत।
झूठा बाँधे सूत
पूत वनिता सब जुआ
माने नहीं लिगार
बणे लाडा री भुआ।।









गहरी कहू सत बात
कूटे जम गाबा
नोहके नरका बीच
ए दुःख बाबा रे बाबा।।
अस्सी बरस को बुढलो
जाय जगत की जान
भींयाणिया री गालियाँ सुणे
पछे तीखा कर कर कान।
तीखा कर कर कान
शर्म मन में नहीं आवे
जो नहीं गावे गाळ
ओळभो ताही सुणावै।।


टका खरचे गाँठ का
राखे अपणो मान
अस्सी बरस को बुढलो
जाय जगत की जान।।
पाँच रेवड़ी कारणे
नार सज्यो सिणगार
गहनों पहरियो बाजणो
सिर साळु की मार
सिर साळु की मार
जान के डेरे चाली
कह कह खोटा भेण
फैळ जानियो में घाली।।


तन बिगाड़ियो आपणो
ताको कियो खवार
पाँच रेवड़ी कारणे
नार सज्यो सिणगार।।
माउ सिवरण ना करे रे
घर घर करे हाताण
बेटों री चुगल्या करे पछे
कूड़ा करे उफान
कूड़ा करे उफान
बहुआ कुशलानी आईं
औसर मेलियों राम
नीट हूँ करू हथाई।।


कह राघव सिमरण बिना
जम ले जासी ताण
माउ सिवरण ना करे रे
घर घर करे हाताण
बाया हरी सिवरण करो
ए हरी बिन सिरी कुण
पुन पुरबलो प्रगटियो
जणा पाई उत्तम जूण।।
पाई उत्तम जूण
भगति पहले भव साजी
इन करणी प्रताप
नगर में बागा माजी।।


कह राघव सिमरण बिना
अबके लद सो लूण
बाया हरी सिवरण करो
ए हरी बिन सिरी कुण
बेगम गावे गालियां
कर कर मन में कोड
बूढ़ी होई ए बेशर्मी
तू अब तो ममता छोड़।।
अब तो ममता छोड़
घणी कूदी ने नाची
केवे दास सगराम
अबे क्यूँ लो नी पाछी।।


मरणो आयो शीश पे
जम कुटेला भोड
बेगम गावे गालियां
कर कर मन में कोड
रोवण ने राजी घणो
पछे रांडोलिया को साथ
के गीतों के गालियों
पछे के घर घर री बात।।
के घर घर री बात
जमारो इण विध जासी
सायब के दरबार
आपणा करिया पासी।।


पिछतासी सगराम केवे
कदे नहीं कुशलाद
रोवण ने राजी घणो
पछे रांडोलिया को साथ।।
नर तन दीनो रामजी
सतगुरु दीनो ज्ञान
ए घोड़ा हाको हमे
ओ आयो मैदान
ओ आयो मैदान
बाग करड़ी कर सावो
ह्रदय राखो ध्यान
राम रसना से गावो
कुण देखे सगराम केवे
आगे काडे कान।।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










chetawani kundaliya sant surdas ji