चारों दिशा में मैया जी की हो रही जय जयकार लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
चारों दिशा में मैया जी की
हो रही जय जयकार
नवरातों की पावन बेला
झूम रहा संसार
आज आयी माँ
घर में बाजे रे धम धम धा।।
तर्ज मतलब की इस दुनिया से।
मैं निर्धन हूँ माता रानी
कैसे तुझे खिलाऊँ माँ
रूखा सूखा जो मैं खाऊं
वो ही भोग लगाऊं माँ
भोजन में भरपूर मिलेगा
मईया मेरा प्यार
आज आयी माँ
घर में बाजे रे धम धम धा।।
नवरातों में शेरोवाली
मेरे घर में आई है
जात पात माँ कुछ ना देखे
दुनिया को बतलाई है
हर्ष खड़ा सेवा में तेरी
मेरा ये परिवार
आज आयी माँ
घर में बाजे रे धम धम धा।।
सोने के आसन ना मईया
कैसे तुझे बिठाऊँ माँ
टूटी फूटी वाणी से माँ
कैसे तुझे रिझाऊं माँ
लेकिन अँखियों में ओ मईया
खूब भरा तेरा प्यार
आज आयी माँ
घर में बाजे रे धम धम धा।।
चारों दिशा में मैया जी की
हो रही जय जयकार
नवरातों की पावन बेला
झूम रहा संसार
आज आयी माँ
घर में बाजे रे धम धम धा।।
charo disha me maiya ji ki ho rahi jay jaykar lyrics