चार भक्त बतलावण लागे मिलकः सलाह बणावण लागे - MadhurBhajans मधुर भजन










चार भक्त बतलावण लागे
मिलकः सलाह बणावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।


एक जणा नयूं कहण लगा
मेरे घर में संकट बाहरया था
बालाजी ने दया करी
लाया मेरः साहरा था
एक गुप्ती बात बतावण लागे
बाबा की बतलावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।


हो दुजा बोलया बारा साल तं
भाई तड़फे था माहरा
जीया मेंहदीपुर के बालाजी ने
गोदी में दीया लाल खिला
गुप्ती गुप्ती बतावण लागे
बाबा की बतलावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।


तीजा बोलया दारू छुटजया
बालाजी पे जा क ने
देखी भाली शान स
देख लियो बेसक अजमाके ने
भक्तां ने समझावण लागे
बाबा की बतलावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।









महेंद्र पंछी पार लगादे
सच्चा ध्यान लगावेगा
हवासिंह भी बैठ शरण में
सच्चा ध्यान लगावेगा
भक्त भक्तणी बतलावण लागे
बाबा की बतलावण लागे
बाबा की बतलावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।


चार भक्त बतलावण लागे
मिलकः सलाह बणावण लागे
जय जयकार मनावण लागे
बालाजी के नाम की।।




भजन प्रेषक राकेश कुमार जी
खरक जाटानरोहतक
9992976579










char bhakt batavan lage balaji bhajan