चांदनी फीकी पड़ जाये कृष्ण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
चांदनी फीकी पड़ जाये
चमक तारा री छिप जाए
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
नील गगन सो रूप
कृष्ण को घुँघर वाला बाल
मोहन मूरत ह्रदय में बस गई
कटे घोर जंजाल
काल फिर पास नहीं आए
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
पीली पीताम्बर केसरी खटका
होठ रसीला लाल
मुक्त हो गए सूद बुद खो गए
ब्रज के गोपी ग्वाल
के चरण चाट रही गायें
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
मथुरा महल में छुपकर बैठा
डरा डरा वो कंस
कृष्ण नाम की महिमा गाये
यदुवंशी को वंश
कृष्ण यदुवंशी मन भाए
कृष्ण यदुवंशी कहलाए
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
देख कृष्ण की छवि यशोदा
मन में करें गुमान
मेरे अंगना में अवतारी
परम ब्रम्ह भगवान
की महिमा ये कविता गाए
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
चांदनी फीकी पड़ जाये
चमक तारा री छिप जाए
मेरे कृष्ण चंद्र के तेज सामने
सूरज शर्माए
चाँदनी फीकी पड़ जाए।।
chandani fiki pad jaye bhajan lyrics