चंदन का है पलना रेशम की है डोर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
चंदन का है पलना
रेशम की है डोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
तर्ज सावन का महीना।
देख यशोदा मईया मनमन फुले
आज कन्हैया मेरा पलने में झुले
आज खुशी गोकुल में छाई हैं चारो ओर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
थपक सुलावे मईया झपक के आचल
माथे पे टीका जांके आंखो में काजल
देवे सखी बधाई यशोदा को कर जोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
देख हिंडोला सखी नंद नंदन को
दर्शन करके दुख जाए मेरे मन को
नंद बाबा के अंगना सब सखियां करे है शोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
देख छवि भयी ख़ुशी अति भारी
कहाँ छवि बरणो महिमा झुला की न्यारी
सारी नगरी देखे प्यारे मोहन की ओर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
चंदन का है पलना
रेशम की है डोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर
झुला रे झुले ब्रज में
श्री नटवर नंद किशोर।।
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chandan ka hai palna resham ki dor bhajan lyrics