चल दिए कन्हैया कहाँ राधा को छोड़कर लिरिक्स - Chal Diye Kanhaiya Kaha lyrics
पल भर में सारे रिश्ते
नातों को तोड़ कर
चल दिए कन्हैया कहाँ
राधा को छोड़कर।।
निंदिया उड़ाई मेरी
चैन को चुराया क्यों
दूर जाना ही था तो फिर
जिंदगी में आया क्यों
खुशियों के पल छीने सब
गम से नाता जोड़कर
चल दिए कन्हैया कहां
राधा को छोड़कर।।
यमुना के तीरे जब तू
गैया चराता था
बंसी बजाकर मोहन
मुझको बुलाता था
नटवर सताता था तू
बहियाँ मरोड़ कर
चल दिए कन्हैया कहां
राधा को छोड़कर।।
छोड़कर के गोकुल तू
बड़ा पछताएगा
मथुरा में दूध दही
किस के चुराएगा
खाएगा माखन किसकी
मटकी को फोड़ कर
चल दिए कन्हैया कहां
राधा को छोड़कर।।
पल भर में सारे रिश्ते
नातों को तोड़ कर
चल दिए कन्हैया कहाँ
राधा को छोड़कर।।
chal diye kanhaiya kaha radha ko chhod kar lyrics