चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूँगा मैं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










चाहे जैसे मुझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं
तेरा ही था तेरा ही हूँ
तेरा रहूँगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।
तर्ज तेरी गलियों का हूँ आशिक।


तुम्हारे नाम का मोती ही
मेरी दौलत है
ये रुतबा और ये शोहरत भी
तेरी बदौलत है
तू है सागर मैं हूँ कतरा
तुझ संग बहूँगा मैं
तू है सागर मैं हूँ कतरा
तुझ संग बहूँगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।


मेरा मन अब नहीं लगता है
जग की बातों में
अपनी उंगली थमा दी मैंने
तेरे हाथों में
जिस तरफ ले चलो मुझको
वहीँ चलूँगा मैं
जिस तरफ ले चलो मुझको
वहीँ चलूँगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।









गम की रातें लगेंगी जैसे
सुख का सवेरा है
बस तू इक बार जो कहदे की
हाँ तू मेरा है
फिर तो हर एक सितम हसकर
ही सहूंगा मैं
फिर तो हर एक सितम हसकर
ही सहूंगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।


जिसकी अटकी है जान तुझमे
मैं वो परिंदा हूँ
तू मेरे साथ है इस आस पे
मैं जिन्दा हूँ
सोनू की आस जो टूटी तो
जी ना सकूँगा मैं
सोनू की आस जो टूटी तो
जी ना सकूँगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।


चाहे जैसे मुझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं
तेरा ही था तेरा ही हूँ
तेरा रहूँगा मैं
चाहे जैसे मूझे रख लो
कुछ ना कहूँगा मैं।।
स्वर रेशमी जी शर्मा।










chahe jaise mujhe rakh lo kuch na kahunga main lyrics