बोले श्री राम बिलख के मूर्छित मेरा भाई है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बोले श्री राम बिलख के
मूर्छित मेरा भाई है।
श्लोक देखिये किस्मत का खेला
व्याकुल है श्री राम
संजीवन ला दे मुझे
हे पवन पुत्र हनुमान।


बोले श्री राम बिलख के
मूर्छित मेरा भाई है
विपदा की रात उमड़ के
सिर पे मेरे छाई है
लक्ष्मण के बिना अवध में
कैसे अब जाऊंगा
पूछेगी मात सुमित्रा
तो क्या मैं बतलाऊँगा।।


बोले तब वीर पवनसुत
रघुकुल रघुराई को
मरने ना दूंगा मैं प्रभु
लक्ष्मण बलदायी को
तेरा बस एक इशारा
रघुवर पा जाऊंगा
पलभर में काल बलि को
कच्चा खा जाऊंगा।।


बोले रघुनाथ तू हनुमत
तू प्राणो से प्यारा है
संकट से हरदम हमको
तुमने उबारा है
तेरा उपकार भला मैं
कैसे भुलऊँगा
तुमसा हितकारी सेवक
और कहाँ पाउँगा।।









आज्ञा दो नाथ संजीवन
लेने मैं जाऊंगा
सूरज उगने से पहले
बूटी ले आऊंगा
आज्ञा दी राम ने बजरंग
पर्वत ले आए है
बूटी पीला के शर्मा
लक्ष्मण जीलाये है।।


रघुवर के नैनो में तब
भर आया पानी है
हनुमत को गले लगाकर
बोले यूँ बाणी है
मेरा वरदान है हनुमत
खाली ना जाएगा
युग युग तेरे नाम का झंडा
जग में लहराएगा।।










bole shri ram bilakh ke murchit mera bhai hai lyrics