बिना रघुनाथ को देखे नहीं दिल को करारी है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बिना रघुनाथ को देखे
नहीं दिल को करारी है
हमारी मात की करनी
सकल दुनिया से न्यारी है
बिना सियाराम को देखे
नहीं दिल को करारी है।।
भजन प्रसंग भरत का श्रीराम वियोग
लगी रघुवंश में अग्नि
अवध सारी उजाड़ी है
विमुख श्री राम से कीन्हा
ऐसी जननी हमारी है
बिना सियाराम को देखे
नहीं दिल को करारी है।।
सुना जब तात का मरना
मानो बरछी सी मारी है
भरत सिरमौर धरनी में
यही कहता पुकारी है
बिना सियाराम को देखे
नहीं दिल को करारी है।।
बड़ा व्याकुल हुआ बेसुध
नयन से नीर जारी है
पडूँ रघुनाथ चरणों में
यही तुलसी विचारी है
बिना सियाराम को देखे
नहीं दिल को करारी है।।
बिना रघुनाथ को देखे
नहीं दिल को करारी है
हमारी मात की करनी
सकल दुनिया से न्यारी है
बिना सियाराम को देखे
नहीं दिल को करारी है।।
bina raghunath ko dekhe nahi dil ko karari hai lyrics