बिना हे मर्द बेबे किसी हो लुगाई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बिना हे मर्द बेबे किसी हो लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।


सारी हाणांं घुरे जा स
बोलः बतलावः ना
मेरे धोरः बैठ क न
मन की बतावः ना
सयाणे भोपयां धोरः
मैंं तो घणी लुट आई
बिना हे मर्द बेबे किसी हों लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।


कोए कह बावली यो
पीर की झपेट में
कोए कह नहवा इसने छारा
आली लेट में
सुण सुण सबकी मैं घणी दुख पाई
बिना हे मर्द बेबे किसी हों लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।


सारी सारी रोटी खा ज्या
फेर भी यो भुखा हे
दुनिया में फिरूं मारे छाती के
महां मुका हे
बालाजी पे ले ज्या
किसे सयाणे ने बताई
बिना हे मर्द बेबे किसी हों लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।









भारया भारया पत्थर इन्है
बांध लिए कड़ क
आते ही चिपट गया यो
पीया मेरा बण क
आच्छा हो क जावः त
करूं हे कढ़ाई
बिना हे मर्द बेबे किसी हों लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।


बावलयां की ढाला
दीदे पाड़ क लखावः
कई कई माणसां क
काबु भी ना आवः
बाबा क में अशोक ने
मैं मेंहदीपुर मेंं लयाई
बिना हे मर्द बेबे किसी हों लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।


बिना हे मर्द बेबे किसी हो लुगाई
बोलः कोनया चालः मेरी
नणदी का भाई।।
गायक नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक राकेश कुमार जी
खरक जाटानरोहतक
9992976579










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