बिना बाप को बेटो बिगड़े बिना मात की छोरी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बिना बाप को बेटो बिगड़े
बिना मात की छोरी
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
कितना सुंदर होय गवैया
कंठ बिना वो राग नहीं
छत्तीस मसाले कूट के डालो
नमक बिना वह स्वाद नहीं
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
वो साधु साधु नहीं होता
जिसके मन में प्यास नहीं
जो धन कन्या का खाए
तो धोवे उतरे दाग नहीं
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
उस तिरया का आदर नहीं
जिसका पति जुआरी हो
बुड्ढा मानस मेट सके ना
इसके नहीं कमाई हों
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
आपने बिगड़े देश धर्म की रक्षा
ना करता वह क्षत्रिय राजपुत नहीं
धर्म हैतु धन ना खर्चे तो बनिया
वो साहूकार नही
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
कारीगर की बिगड़े चुनाई
जिसके पास सुत नहीं
वह घर ढसने लगेगा
भारी निम मजबूत नहीं
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
गुण्डा मानस सुधरे नहीं
जब तक लगे झूत नहीं
सत गुरु के आदेश बिना
भाग भ्रम का भूत नहीं
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
बिना बाप को बेटो बिगड़े
बिना मात की छोरी
बिना हाली की खेती बिगड़े
बिना बालम के गोरीगोरी।।
9664063815
bina baap ko beto bigde bhajan lyrics