बिन हरि नाम गुजारा नहीं रे बावरे मन किनारा नहीं लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बिन हरि नाम गुजारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।
तर्ज ज्योत से ज्योत।


नाव पुरानी चंचल धारा
मौसम तूफानों का
खेते खेते हिम्मत हारी
डगमग डोले नौका
प्रियतम को जो पुकारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।


फसता क्यों जाता माया में तू
ये है नागिन काली
डस जाएगी बचाकर रहना
चौतरफा मुंह वाली
फिर ये जनम दोबारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।









अब तो तू बस इस नैया को
कर दे श्याम हवाले
बस की बात नहीं बन्दे की
वो दातार संभाले
झूठा अहम् गवारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।


ये मौका भी चूक गया तो
क्या है आनी जानी
श्याम बहादुर शिव जागे नींद से
जीवन ओस का पानी
फूल के होना गुब्बारा नहीं


रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।


बिन हरि नाम गुजारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं
रे बावरे मन किनारा नहीं।।













bin hari naam gujara nahi lyrics