भूल गए बनवारी लौट कब आओगे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भूल गए बनवारी
लौट कब आओगे।
दोहा बनकर मेरा साया
मेरा साथ निभाना
मैं जहाँ जहाँ जाऊं
तुम वहीँ वहीँ आना
साया तो छोड़ जाता है
साथ अँधेरे में
लेकिन तुम अँधेरे में
मेरा उजाला बन जाना।


भूल गए बनवारी
लौट कब आओगे
वादा जो किया तुमने
कब उसे निभाओगे
भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।
तर्ज तुम तो ठहरे परदेसी।









मिल रहा नहीं मुझको
श्याम से नहीं प्यारा
प्यासी इन अँखियों को
दर्श कब दिखाओगे
भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।


क्या करेंगे हम आखिर
जोर ना हमारा है
चाहोगे वही होगा
कब नज़र आओगे
भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।


जिसने भी पुकारा है
दौड़े चले आए हो
मुझसे क्या शिकायत है
कब हमें बताओगे
भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।


एक ही भरोसा है
तू ही तो किनारा है
भगवत को चरणों में
श्याम कब लगाओगे


भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।


भूल गए बनवारी
लौट कब आओगे
वादा जो किया तुमने
कब उसे निभाओगे
भुल गए बनवारी
लौट कब आओगे।।












bhul gaye banwari laut kab aaoge lyrics