भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताए भजन लिरिक्स










भोर भये पनघट पे
मोहे नटखट श्याम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मै का करू हाये राम है हाये।।


कोई सखी सहेली नही
संग मै अकेली
कोई देखे तो ये जाने
पनिया भरने के बहाने गगरी उठाये
राधा शाम से मिलने जाए
भोर भये पनघट पे
मोहे नटखटश्याम सताए।।


आये पवन झकोरा
टूटे अंग अंग मोरा
चोरी चोरी चुपके चुपके
बैठा कही पे वो चुपके
देखे मुस्काएनिर्लज को
निर्लज को लाज न आवे
भोर भये पनघट पे
मोहे नटखटश्यामसताए।।


मै ना मिलु डगर मै
तोह वोह चला आये घर मै
मै दू गालीमै दू झिङकी
मै न खोलू बंद खिड़की
नींदिया जो आये
तो वो कंकर मार जगाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नटखटश्यामसताए।।









भोर भये पनघट पे
मोहे नटखट श्याम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मै का करू हाये राम है हाये।।










bhor bhaye panghat pe mohe natkhat shyam sataye lyrics