भोलेनाथ की दीवानी गौरा रानी लागे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भोलेनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।
तर्ज मीठे रस से भरयो री।


नमः शिवाय महामंत्र से
भोले को मनाया
सुबह शाम आठों याम
शिवजी को ही ध्याया
गौरा मैया की ये लीला
तो सुहानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।


शिव का योगी रूप
मैया गौरा जी को भाया
हिमाचल की एक ना मानी
छोड़ी सारी माया
मन को मोहने वाली
मीठी वाणी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।









भोलेनाथ की सेवा में तो
सारा सुख है पाया
शिव शक्ति रूप बनकर
जग को है बचाया
गौरी शंकर की ये प्रीत
पुरानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।


नीलकंठ के स्वामी तुम्हरी
बात नहीं टालते
इस जग की वो डोर अपने
हाथों में सँभालते
बड़ी सच्ची तेरी अमर
कहानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।


भोलेनाथ की दीवानी
गौरा रानी लागे
गौरा रानी लागे
शिव संग में विराजी तो
महारानी लागे।।
स्वर राकेश जी काला।










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