भोले तेरे मंदिर में मैं दौड़ के आता हूँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गम के समंदर में
जब डूब जाता हूँ
भोले तेरे मंदिर में
मैं दौड़ के आता हूँ
जोड़ के कहता हूँ मैं दोनों हाथ
विनती सुनलो मेरी भोलेनाथ।।
तर्ज मिलना हमें तुमसे।


तू दूर नाथ मुझसे
कभी हो नहीं सकता
तेरा भक्त हो जब दुःख में
तू सो नहीं सकता
हर कदम कदम पे भोले
क्यों धोखा खाता हूँ
भोले तेरे मंदिर मे
मैं दौड़ के आता हूँ
जोड़ के कहता हूँ मैं दोनों हाथ
विनती सुनलो मेरी भोलेनाथ।।


गर तुम ना सुनोगे तो
मैं किस दर पे जाऊं
अपने दिल के छाले
मैं किसको दिखलाऊं
लाखो दुःख सहकर के
फिर भी मुस्काता हूँ
भोले तेरे मंदिर मे
मैं दौड़ के आता हूँ
जोड़ के कहता हूँ मैं दोनों हाथ
विनती सुनलो मेरी भोलेनाथ।।









तेरे भीमसेन को तो
बस तेरा सहारा है
बाबा तुम बिन जग में
अब कौन हमारा है
शर्मा कहे तुम बिन
मैं रह नहीं पाता हूँ
भोले तेरे मंदिर मे
मैं दौड़ के आता हूँ


जोड़ के कहता हूँ मैं दोनों हाथ
विनती सुनलो मेरी भोलेनाथ।।


गम के समंदर में
जब डूब जाता हूँ
भोले तेरे मंदिर में
मैं दौड़ के आता हूँ
जोड़ के कहता हूँ मैं दोनों हाथ
विनती सुनलो मेरी भोलेनाथ।।
गायक पंडित राम अवतार शर्मा।










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