भोले के हाथों में है भक्तो की डोर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भोले के हाथों में
है भक्तो की डोर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
तर्ज सावन का महीना।
मर्जी है इसकी हमको
जैसे नचाए
जितनी जरुरत उतना
जोर लगाए
ये चाहे जितनी खींचे
हम काहे मचाए शोर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
भोले तुम्हारे जब से
हम हो गए है
गम जिंदगानी के
कम हो गए है
बंधकर तेरी डोरी से
हम नाचे जैसे मोर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
खिंच खिंच डोरी जो
संभाला ना होता
हमको मुसीबत से
निकाला ना होता
ये चाहे जितना खींचे
हम खींचते इसकी ओर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
बनवारी टूटे कैसे
भक्तो से नाता
डोर से बंधा है तेरे
प्रेमी का धागा
तू रख इसपे भरोसा
ये डोर नहीं कमजोर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
भोले के हाथों में
है भक्तो की डोर
किसी को खींचे धीरे
और किसी को खींचे जोर
भोले के हाथो में
है भक्तो की डोर।।
bhole ke hatho mein hai bhakto ki dor lyrics