भोले के दर से सबकुछ मिला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुकद्दर मेरा बन ही गया
भोले के दर से सबकुछ मिला
मन का अँधेरा मिट सा गया
भोलें के दर से सबकुछ मिला।।
तर्ज एक परदेसी मेरा।
नाग गले में माथे पे चंदा
श्रृंगार भसम का जटा में गंगा
पीके विष का प्याला नीलकंठ भया
भोलें के दर से सबकुछ मिला
मन का अँधेरा मिट सा गया
भोलें के दर से सबकुछ मिला।।
दुनिया से हारा वक्त का मारा
भोले बाबा ने मुझको उबारा
टूटी थी कश्ती किनारा दिया
भोलें के दर से सबकुछ मिला
मन का अँधेरा मिट सा गया
भोलें के दर से सबकुछ मिला।।
दीनदयाल वो दुःख है हरता
मन की मुरादें पूरी है करता
नाम प्रभु का जिसने लिया
उसको भोले ने सबकुछ दिया
मुकद्दर मेरा बन ही गया
भोलें के दर से सबकुछ मिला।।
मुकद्दर मेरा बन ही गया
भोले के दर से सबकुछ मिला
मन का अँधेरा मिट सा गया
भोलें के दर से सबकुछ मिला।।
bhole ke dar se sab kuch mila lyrics