भोले दानी रे भोले दानी शिव जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भोले दानी रे भोले दानी
श्लोक
दिन और दुखियो के तुम हो सहारे
सदा अपने भक्तो को भोले उबारे
भसम भभूति तन पर राजे
नाग गले में डाले
पिते हो नित भांग के भर भर
भोले जी तुम प्याले।।
भोले दानी रे भोले दानी
भोले दानी भोले दानी
भोले निराला
पिए सदा भंगिया का प्याला
हे काले काले रे काले काले
काले काले सर्पो की माला को
अपने गले में है डाला
जो चाहे मांगो जो चाहे लेलो
हिरा मोती सोना चाँदी
सब देने वाला
भोले दानी भोले दानी।।
भोले बाबा जी के सब है पुजारी
नर हो या नारी ये सब संसारी
दर के भिखारी रे
सारे भक्तो के हितकारी
त्रिशूल धारी भोले भंडारी
नंदी वाले नाग धारि
अब तक किसी को भी करके निराशा
उसने कभी अपने दर से ना टाला
भोले दानी भोले दानी।।
भोले दानी रे भोले दानी
भोले दानी भोले दानी
भोले निराला
पिए सदा भंगिया का प्याला
हे काले काले रे काले काले
काले काले सर्पो की माला को
अपने गले में है डाला
जो चाहे मांगो जो चाहे लेलो
हिरा मोती सोना चाँदी
सब देने वाला
भोले दानी भोले दानी।।
सबसे बड़े जग में है वही ज्ञानी
भोले वरदानी त्रिशूल पाणी
शिव औघड़ दानी को
गाते है सब जिनकी वाणी
ये जग के प्राणी पंडित और ज्ञानी
राजा रानी जोगी ध्यानी
जपता सदा है लख्खा जिनकी माला
कहलाता है जो शिव डमरू वाला
भोले दानी भोले दानी।।
भोले दानी रे भोले दानी
भोले दानी भोले दानी
भोले निराला
पिए सदा भंगिया का प्याला
हे काले काले रे काले काले
काले काले सर्पो की माला को
अपने गले में है डाला
जो चाहे मांगो जो चाहे लेलो
हिरा मोती सोना चाँदी
सब देने वाला
भोले दानी भोले दानी।।
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