भोले भंडारी त्रिपुरारी तेरे शीश बहे गंगा प्यारी उमा लहरी - MadhurBhajans मधुर भजन










भोले भंडारी त्रिपुरारी
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
कर मध्य कमंडल है धारी
भोले भंडारी त्रिपुरारी
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी।।


गले सर्प विषैले है काले
तन पर मृगछाला को है डाले
डमरू जो बजाके नृत्य करे
डमरू जो बजाके नृत्य करे
डमरू जो बजाके नृत्य करे
सब झूम उठे श्रष्टि सारी
भोले भंडारी त्रिपुरारि
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी।।


नागेश निराले मतवाले
रहे मस्त सदा पि भंग प्याले
अविनाशी है वासी कैलाशी
अविनाशी है वासी कैलाशी
अविनाशी है वासी कैलाशी
है त्रिनेत्र प्रभु गंगाधारी
भोले भंडारी त्रिपुरारि
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी।।


हे शिव शंकर हे भोले प्रभु
तेरे द्वार खड़ा क्या मांगू प्रभु
घट घट के वासी सब जानो
घट घट के वासी सब जानो
घट घट के वासी सब जानो
लहरी शिव भोले भंडारी
भोले भंडारी त्रिपुरारि
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी।।









भोले भंडारी त्रिपुरारी
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
माथे पे वो प्यारा चंदा सजे
कर मध्य कमंडल है धारी
भोले भंडारी त्रिपुरारी
तेरे शीश बहे गंगा प्यारी।।












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