भोले बाबा के द्वार सबका होता उद्धार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भोले बाबा के द्वार
सबका होता उद्धार
दर्शन को उनके तू तो होजा रे तैयार
पायेगा उपहार
चल चला चल
अकेला चल चला चल।।
तर्ज फकीरा चल चला चल।
बचपन सारा खेल गवाया
कुछ भी तू नही कर पाया
आयी जवानी खूब सजाई
तूने तो अपनी काया
करके सोलह श्रंगार
घुमा सारा संसार
फिर भी न पाया तूने
किसी का भी प्यार
पायेगा उपहार
चल चला चल
अकेला चल चला चल।।
शिव का द्वार खुला है हर पल
जब चाहे तब आ जाना
भक्ति भाव से टेक के माथा
इच्छा वर फल पा जाना
वो है दानी दयाल
रखता सबका ख्याल
अपने भक्तों को वो
सब कुछ देने को तैयार
पायेगा उपहार
चल चला चल
अकेला चल चला चल।।
दोहा दानी होकर चुप क्यो बैठे
कैसी तेरी दातारी रे
जो सुध ना ली भक्तो की
होगी बदनामी थारी रे।
नाम सुना था दानी तेरा
इसी से दर पे आया हूँ
पेट के खातिर अपने
नैनो में आंसू लाया हूँ।
इच्छा पूरी करदो बाबा
कीर्ति बड़ी तुम्हारी रे
जो सुध ना ली भक्तो की
होगी बदनामी थारी रे।
ना मांगू मैं माल खजाना
ना कोई महल अटारी रे
श्री पद दर्शन चाहू बाबा
गर हो इच्छा थारी रे।।
अनुपम जीवन
अनुपम काया
शिव से तूने पाई है
तू भी गाले शिव की महिमा
देवो ने भी गाई है
वो है दानी दयाल
रखते सबका ख्याल
अपने भक्तो को वो सब कुछ
देने को तैयार
पायेगा उपहार
चल चला चल
अकेला चल चला चल।।
भोले बाबा के द्वार
सबका होता उद्धार
दर्शन को उनके तू तो होजा रे तैयार
पायेगा उपहार
चल चला चल
अकेला चल चला चल।।
गायक कालूसिंह जी यादव।
प्रेषक प्रीतम यादव।
8120823027
bhole baba ke dwar sabka hota uddhar lyrics