भाया मोहन का रूप जोड़ा रिश्ता अनूप भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भाया मोहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा
स्वरुप मीरा माने ना।।
भक्त को जितने प्रभु है प्यारे
भक्त प्रभु को उतने दुलारे
करे भक्त का मान
भक्त प्रिय भगवान
रखे भक्तो का ध्यान।
भाया मोंहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा
स्वरुप मीरा माने ना।।
कान्हा के बिन उसे
कुछ भी सुहाए ना
मूरत की जिद करे
माने मनाए ना
भूखा भक्त रहे तो भगवन
कैसे भोजन को स्वीकारे
भक्तो की खुशियों पे कान्हा
अपनी सारी खुशिया वारे
करे भक्त का मान
भक्त प्रिय भगवान
रखे भक्तो का ध्यान।
भाया मोंहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा
स्वरुप मीरा माने ना।।
कान्हा से प्रीत का
रिश्ता बनाए वो
भूले से भी गर
आंसू बहाए वो
रोये भक्त तो कैसे भगवन
अपने ऊपर काबू पाए
होकर भक्त के दुःख से दुखिया
प्रभु की मूरत नीर बहाए
करे भक्त का मान
भक्त प्रिय भगवान
रखे भक्तो का ध्यान।
भाया मोंहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा
स्वरुप मीरा माने ना।।
भाया मोहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा
स्वरुप मीरा माने ना।।
bhaya mohan ka roop lyrics in hindi